महाभारत का युद्ध अपने अंतिम चरण पर था, कौरवों की विशाल सेना बस कभी भी पांडवों के बल और तेज के सामने घुटने टेक सकती थी। कौरवों के साथ मौजूद सभी धुरंधर योद्धा वीरगति को प्राप्त हो चुके थे। युद्ध के नियम के अनुसार सूर्यास्त होने के बाद युद्ध रोक दिया जाता था। एक शाम सभी पांडव और स्वयं भगवान कृष्ण मृत्युशैया पर लेटे भीष्म पितामाह के पास गए और उनसे राज्य, परिवार और स्वयं के प्रति धर्म से जुड़ी बातें उन्हें बताई जिन्हें अगर आज भी अपने जीवन पर लागू किया जाए तो व्यक्ति एक खुशहाल जीवन यापन कर सकता है।
आइए जानते हैं मृत्युशैय्या पर लेटे भीष्म पितामाह ने श्रीकृष्ण को क्या उपदेश दिए थे:
- मन को वश में रखना।
- बढ़ती इच्छाओं को नियंत्रित करना
- घमंड या अहंकार से दूर रहना
- कोई कड़वी बात कहे तो उसे उत्तर ना देना
- अतिथि व लाचार व्यक्ति को आश्रय देना
- दिन में न सोना
- स्वयं सम्मान की इच्छा ना रखते हुए दूसरों को सम्मान देना
- स्वाद के लिए नहीं अपितु स्वास्थ्य के लिए भोजन करना